मुखपृष्ठ  |  कहानी कविता | कार्टून कार्यशाला कैशोर्य चित्र-लेख |  दृष्टिकोण नृत्य निबन्ध देस-परदेस परिवार | फीचर | बच्चों की दुनिया भक्ति-काल धर्म रसोई लेखक व्यक्तित्व व्यंग्य विविधा |  संस्मरण | साक्षात्कार | सृजन स्वास्थ्य | साहित्य कोष |

 

 Home | Boloji | Kabir | Writers | Contribute | Search | FeedbackContact | Share this Page!

 

    नानी मा की सीख

मुन-मुन, चुन-चुन
उठो दौ
डो, साहस करो
माना तुम समर्थ नहीं
सितारे छू लेने में
तैर नहीं सकते अभी
जीवन के अतल सागर में
फिर भी आगे ब
ढो, आगे बढो
कहीं अ
धेरों में भटक न जाना
क्योंकि आसान नहीं सूरज को पकड पाना
फिर भी आशा की डोर तुम थामे रहो, थामे रहो
जिन्दगी की स
करी गलियों में
कहीं कदम तुम्हारे डगमगा जाएं
फूलों से चेहरों पर तुम्हारे
उदासी की छाया पड ज़ाए
तब भी मुस्कुराना न छोडना, न छोडना
कभी-कभी देखना पड ज़ाता है
मु
ह असफलता का भी
किन्तु असफलता को
हार मान लेने की भूल न करना
प्रयत्नों की डोर थाम जीवन-पतंग उडाते रहना, उडाते रहना
मुन-मुन, चुन-चुन
उठो दौ
डो, साहस करो

- सुधा रानी
फरवरी 1, 2001

Top
 

Hindinest is a website for creative minds, who prefer to express their views to Hindi speaking masses of India.

 

 

मुखपृष्ठ  |  कहानी कविता | कार्टून कार्यशाला कैशोर्य चित्र-लेख |  दृष्टिकोण नृत्य निबन्ध देस-परदेस परिवार | बच्चों की दुनियाभक्ति-काल डायरी | धर्म रसोई लेखक व्यक्तित्व व्यंग्य विविधा |  संस्मरण | साक्षात्कार | सृजन साहित्य कोष |
 

(c) HindiNest.com 1999-2021 All Rights Reserved.
Privacy Policy | Disclaimer
Contact : hindinest@gmail.com