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कहानियां अपने युग और परिवेश
की पहचान होती हैं। ऐसी कहानियां जो आपको कुछ सोचने को मजबूर करें, जो आपकी
अंतरात्मा को झकझोर दें, जो आपको अपने वातावरण के रंग से सराबोर कर दें, ऐसी
कहानियां किसे अच्छी नहीं लगती? ये हमारी भावनाओं और दैनिक जीवन का सच्चा
इतिहास होती हैं। ऐसा इतिहास जिसमें केवल पात्र और परिचय बदल जाते हैं।
यह कहानी चाहे लखनपुर की हो या लंदन की या नासिक की या फिर न्यूयार्क की।
वही कहानी सर्वप्रिय है जो आपके दिल को छू जाती है। बोलो जी के कहानी स्तंभ
के लिये हिन्दी के सभी पाठकों, लेखकों और पढने लिखने के शौकीन लोगों से
मौलिक कहानियां आमंत्रित हैं।
- मनीषा कुलश्रेष्ठ
manisha@hindinest.com
कहानी सूची |
अ से अः
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क से डः
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च से ञ
| ट से
ण |
त से न
| प से
म |
य से श |
ष से ज्ञ
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कहानी - प से म
प्यार बसंत है -
श्रद्धा थवाइत
पगला बाबा - गोविन्द मिश्र
पतझड़ इधर भी, उधर भी - राजेन्द्र राजन
पत्थर की लकीर - उर्मिला शिरीष
पत्थर दिल - अलका कुलश्रेष्ठ
पलंग - प्रियंवद
पल्लव - मनीषा कुलश्रेष्ठ
परिचित - अपरिचित - सीमारानी
परिभ्रान्ति - मनीषा कुलश्रेष्ठ
पहचान
-शमशुर्रहमान फ़ारूकी
पिता -धीरेन्द्र
अस्थाना
पंचकन्या : सारगर्भिता स्त्री
- प्रदीप भट्टाचार्य
पंडिताइन - सुधांशु सिन्हा' हेमन्त'
पति-भ्रम - प्रतिभा सक्सेना
परिदृश्य - जया जादवानी
पागल - रणविजय सिंह सत्यकेतु
पाषाणपिण्ड - विनीता अग्रवाल
पीढ़ियों का अन्तराल - मनीषा कुलश्रेष्ठ
पीला लडका -अनिल कुमार खंडेलवाल
पॉटर्स बार
-महेश चन्द्र द्विवेदी
प्रगल्भा
- डॉ. लक्ष्मी शर्मा
प्रतीक्षा - मदन मोहन शर्मा 'अरविन्द`
प्रश्न का पेड़ - मनीषा कुलश्रेष्ठ
प्रश्नचिन्ह - शैलेन्द्र सागर
प्रेतकामना - मनीषा कुलश्रेष्ठ
प्रायश्चित - डॉ. श्रीगोपाल काबरा
प्रेम से पहले - लवलीन
फरिश्ता
फरेब - कृष्ण बिहारी
फांस - मनीषा कुलश्रेष्ठ
फितना - सीमा शफ़क
फिर-फिर लौटेगा - जया जादवानी
फुलमतिया - प्रतिभा सक्सेना
फूल हरसिंगार के -
गोपाल माथुर
फ्रेण्ड्स गैलेरी -सुषमा मुनीन्द्र
बदजात -कंचन
सिंह चौहान
ब्लू टरबन - मनमोहन
बसन्ती - उर्मिला अस्थाना
बड़ी बहन - डा सी एस शाह
बड़े दिन की पूर्व सांझ - ममता कालिया
बाँझ पोस्टमार्टम : आहत मातृत्व
- डॉ. श्रीगोपाल काबरा
बदलता है रंग आसमां कैसे कैसे
-गज़ाल जैग़म
बाँधो न नाव इस ठाँव, बन्धु !
- उर्मिला शिरीष
बिगड़ैल बच्चे - मनीषा कुलश्रेष्ठ
बिज़नेस वेब डॉट कॉम - राजनारायण बोहरे
बिन रोई लड़की -
सूर्यबाला
बीमारी - ममता कालिया
बुद्ध की स्वतंत्रता - मालोक - अनुवाद नीरजा सक्सेना
बुढ़वा मंगल - अनवर सुहैल
बूढ़ी काकी - प्रेमचन्द
बुरका बेगम का - सुधांशु सिन्हा' हेमन्त'
बेघर आंखें - तेजेन्द्र शर्मा
बेबी माने अप्पी - जाकिर अली 'रजनीश'
ब्रेनफीवर -
मनीषा कुलश्रेष्ठ
बौनी होती परछांई - मनीषा कुलश्रेष्ठ
भगोड़ा - मनीषा कुलश्रेष्ठ
भटके राही - मेजर रतन जांगिड
भाग्यलक्ष्मी -मनीषा कुलश्रेष्ठ
भासा - अरुण प्रकाश
भुजाएँ -ऋषिकेश सुलभ
भूकंप : प्रभा खेतान( कथा रिपोर्ताज)
भूले बिसरे लोग - ग़ज़ल जैग़म
भोलाराम का जीव - हरिशंकर परसाई
मदरसों के पीछे - सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक'
मनहूस - सुधांशु सिन्हा हेमन्त
मर्ज - ओमा शर्मा
महत्तम-समापवर्त्य - ओमा शर्मा
महानगर की कथाएं - सूरज प्रकाश
महानायक - सुषमा जगमोहन
महिमा मण्डित - सुषमा मुनीन्द्र
मानपत्र - संजीव
मायागाथा - प्रियंवद
मायकल लोबो - गोविन्द मिश्र
मास्टरनी - मनीषा कुलश्रेष्ठ
मासूम - कृष्ण बिहारी
माटिल्डा की वह शाम
- सुमन केशरी
मां पढ़ती है - एस. आर. हरनोट
मिनरल वाटर - शमोएल अहमद
मि. वॉलरस - मनीषा
कुलश्रेष्ठ
मिसेज़
भादुड़ी का फैसला
- राजेश्वर वशिष्ठ
मुट्ठी भर उजियारा - उषा राजे सक्सेना
मुलाक़ात - मानसी
मूमल - पल्लवी त्रिवेदी
मेंढकी - विकेश
निझावन
मेरी फर्नांडिस क्या तुम तक मेरी आवाज पहुंचती है? -
धीरेन्द्र अस्थाना
मेरी कोई तस्वीर नहीं - जया जादवानी
मोबाइल - एस. आर. हरनोट
मोहे अगले जनम फिर औरत कीजो
- सीमा शफ़क
मोहम्मद शरीफ का अकृत पाप
- शमोएल अहमद
मृग मरीचिका - एन्टोन चैखव की कहानी ' द बेट' का हिन्दी अनुवाद
( अनुवादः
आर्यभूषण)
मृत्युगंध - सुषमा मुनीन्द्र
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