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मैं
इसे यूँ सुनूँगी किसी स्त्री को तेज़ाब बना डालने के लिए इतना
काफी है .. छुपे होंगे गिद्ध मांसखोर तुम्हारी अनुदार उदारताओं के ही सुबूत हैं वन्दना शर्मा की अन्य कविताएँ तुम्हारे प्रेम में हूँ...ये कुछ सबूत मुझको मिले हैं गर्म तवे पर जल की बूँद सी ये औरतें .... |
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