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काव्य
जीवन है।
कहते
हैं जहां कुछ भी न पहुंच पाए वहां कवि अपनी कल्पना द्वारा पहुंच जाता है और
अपने काव्य द्वारा जीवन से जुडे प्रत्येक पहलू पर प्रकाश डालता है।
विश्वजाल पर यह हिन्दी कवियों का मंच है।
आपके
सहयोग से सुन्दर कविताओं द्वारा हम इस मंच को हिन्दी प्रेमियों में
लोकप्रिय बनाएं,
ऐसा
हमारा प्रयास रहेगा।
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मनीषा
कुलश्रेष्ठ
manisha@hindinest.com
कविता सूची |
अ से अः
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क से डः
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च से ञ
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ट से
ण |
त से न
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प से
म |
य से श |
ष से ज्ञ
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कविताएं -
क से डः
क्या आज भी?
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मनीषा कुलश्रेष्ठ
क्या खोया क्या पाया
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रतिकांत झा
क्या जवाब दूं
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अखिलेश
सिन्हा
क्या न बदल गया
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रवि पिपल
क्या यही प्यार है
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नीरज माथुर
क्या क्षमा करोगी
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इन्दु मज़लदान
क्यों अच्छी लगती हो - रविन्द्र बतरा
क्यों ऐसा मन में आता है
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दिविक रमेश
क्यों नहीं जन्मे हम एक शलभ की तरह
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मनीषा कुलश्रेष्ठ
क्योंकि ये होली है
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अशोक कुमार वशिष्ठ
क्लोन- कृष्ण कुमार यादव
कई साल
गुज़रे - मोहसिन नकवी
कच्चा आंगन
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मनीषा कुलश्रेष्ठ
कचनार-
महेंद्र भटनागर
कण - तरंग
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विश्वमोहन
तिवारी,पूर्व एयर वाईस
मार्शल
कर्ण का राज्याभिषेक
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अस्त्र्ण कुमार
प्रसाद
कठपुतली जो चिड़िया होना चाहती थी -
मनीषा कुलश्रेष्ठ
कनुप्रिया
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धरमवीर भारती
कटघरे में खड़ा मौसम
- गुरमीत बेदी
कपास के पौधे
- विजयशंकर चतुर्वेदी
कब उर से कविता उठती है
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लक्ष्मीनारायण गुप्त
कबीर बड़
-शैलेन्द्र चौहान
कभी
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तस्त्र्ण भटनागर
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कविता
कभी-कभी
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राजेश वालटर
प्रीतम
कमज़ोरी
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मानोशी चटर्जी
करती रही इन्तजार
-सदानन्द शाही
कवि के भीतर
-
गुरमीत बेदी
कविताएं - देवेश
पथ सारिया
कविताएं : तिथि
दानी
कवितायें
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डॉ.मनीष मिश्रा
कविताएं - पल्लवी
शर्मा
कविताएं
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इला नरेन
कविताएं -
नीरज मिश्रा की कविताएं
कविताओं का झुरमुट
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अमन गर्ग
कविता रूठ गई
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डॉ
सुरेशचन्द्र शुक्ल
कहना न कहे गये प्रेम के बारे में
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संजय कुमार
गुप्त
करोगे पुलिस का ऊंचा झंडा
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महेश चन्द्र द्विवेदी
कल फिर गांव से गुज़रेगी रेल
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मनीषा कुलश्रेष्ठ
कसक - उमेश
अग्निहोत्री
कस्तूरी
-
अंशु
काँपते हुए
-शैलेन्द्र चौहान
कामना
- लक्ष्मीनारायण गुप्त
कान्हा
-
प्रत्यक्षा
काम बाई की लड़की
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डॉ अजय
कुमार जैन
काव्यहंता
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गौतम साहा
किस तरह मिलूँ
तुम्हें - पवन करण
कितना जटिल
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सत्यनारायण गुप्त
कुमुद
कितनी बार
-
लक्ष्मीनारायण गुप्त
कि मैं बस ऐसा ही हूँ
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राजेन्द्र
कृष्ण
कितना मुश्किल है
-
डॉ. राम निवास मानव
किताबें
- डॉ.मनीष मिश्रा
किया है प्रेम
-
पाती विशाल
आनन्द रेड्डी
किस्म्त : एक गज़ल
-
डॉ सी एस शाह
किसी और तरीके से
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जया जादवानी
किसे मां कहते हैं -
राईना दुबे
किया है प्रेम
-
पाती विशाल
आनन्द रेड्डी
कुछ तो हवा भी सर्द
थी, कुछ था तेरा ख्याल भी -परवीन शाकिर
कुछ बचा कर रख लेती थी,
माँ
- रति सक्सेना
कुछ बन जाओ
-
लावण्या शाह
कुंडली मारे बैठी स्त्री देह
-
रति
सक्सेना
कुत्ता
-
डॉ
प्रेम जनमेजय
केलिसखी
-
धरमवीर भारती
कैक्टस
-
दीपक रस्तोगी
कैक्टस - डॉ.गौरव
कक्कड
क़ैद -महेश्वर
कैसा तेरा प्यार
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शिवा रमण
पाण्डेय
कैसा ये फाग
है
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अपर्णा पण्डा
कैसी हवाएं
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अनिता जैन
कैसे रचुं रंगोली
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सुमन कुमार घेई
कैसे
खेले ये सखि, कैस ये फाग है -अपर्ना पान्डा
कैसे लिखूं मैं प्रेम गीत
-
सुमन
कुमार घेई
कोई एक रंग मेरा भी
- मनीषा कुलश्रेष्ठ
कोई खिड़की - श्याम
श्रीवास्तव
कोंपलें
- मनीषा कुलश्रेष्ठ
कोल्हू का बैल
- राजेन्द्र कृष्ण
कोलाज
- मनीषा कुलश्रेष्ठ
कौन कहता है देश जागा है - राकेश मोहन
कौशिक
कौन तुम
- महेन्द्र
भटनागर
कौन हूँ मैं इस धरा पर - श्याम
श्रीवास्तव
कौन हो तुम
-
आरती होनराव
कृष्ण गीत
- लावण्या शाह
कृष्ण तुम जल्दी आओ
- डॉ अजय
कुमार जैन
खत
- अभिज्ञात
खत
- मनीषा कुलश्रेष्ठ
खण्डहर
- मनीषा कुलश्रेष्ठ
खनक - ममता पंडित
ख़बर है!-
प्रबुद्ध जैन
खबरें
- अखिलेश सिन्हा
ख्यालों के रेले
- मीनाक्षी झा
ख्व़ाहिशों की भीड़ मे
- दीपक
शर्मा
खारा पानी
- अखिलेश सिन्हा
खालीपनः एक वरदान
- राजेन्द्र
कृष्ण
खिताब
-किरण राजपुरोहित नितिला
खिलने दो खुश्बू पहचानो - डॉ.
सरस्वती माथुर
खिलाफ़-
सुशील
कुमार
खुद से बाते
- अर्पिता श्रीवास्तव
खुदा - संदेश
त्यागी
खुदा खैर करे
- डॉ.
हीरा इंदौरी
खुमारियां
- मनीषा कुलश्रेष्ठ
खुले सिरे
खेमे
- रति सक्सेना
खेलत गावत फाग - डॉ.
सरस्वती माथुर
खेले आज मेरा मन होली
- डॉ. रीता
हजेला ' आराधना
खुला बाज़ार
- विश्वमोहन तिवारी, पूर्व एयर वाईस
मार्शल
खुशी
- अभिज्ञात
खुशी के दीपक
- शरद आलोक
खैरियत - मनीषा कुलश्रेष्ठ
खोज
- जया जादवानी
खोज ली पृथ्वी
- नंद भारद्वाज
खोया मुसाफिर
-समीर
खोई
हुई आग की तलाश -मनीषा कुलश्रेष्ठ
गंगा
- राजेन्द्र कृष्ण
गंगा
- संजय तिवारी
ग़ज़ल
:
एहसास
-
श्याम श्रीवास्तव
ग़जल - हरदेव ' अश्क
ग़ज़ल
- डॉ.
आशुतोष कुमार सिंह
ग़जल
- विजय
कुमार सुखवानी
ग़जल - विजय
कुमार सुखवानी
ग़जल - विजय
कुमार सुखवानी
ग़जल
-
समीर लाल
'समीर
ग़ज़ल
- आर. पी. घायल
गज़ल
-
आलोक कुमार
ग़जल - नीलाम्बुज
गज़ल
-
जया जादवानी
गज़ल
- डॉ
मुहम्मद ख़तीबुल्लाह
हमीदी
ग़ज़ल -राज वाल्मीकी
गज़ल
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राज जैन
गज़ल
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सुधा सक्सेना
गज़ल
-
सुधा सक्सेना
ग़ज़ल -जितेन्द्र
‘जौहर’
ग़ज़ल -
चाहत -
श्यामल सुमन
ग़ज़ल बसंती
-
मीनाक्षी झा
गज़लें - अमित
गोस्वामी
गज़लें
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तेजेन्द्र
शर्मा
दिन रात की तकरार से
आज
मुनासिब नहीं हालात
परेशान न होना
ग़जलें
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प्राण
शर्मा
ग़जलें
- नीरज
गोस्वामी
गज़लें
- विजय
कुमार सुखवानी
गणतन्त्र
दिवस - अखिलेश सिन्हा
गणतंत्र दिवस
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सुरेश चन्द्र
'विमल'
गर्म तवे पर जल की
बूँद सी ये औरतें .... -वन्दना शर्मा
गर्भाशय
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जया जादवानी
गधा जानवर
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अंबिका शर्मा
गहरी नदी
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डॉ. रीता
हजेला 'आराधना
गाओ
- डा.महेंद्र भटनागर
गांधी की बात का मर्म
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रुचि चन्द्रा
गांधीवाद
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हर्ष कुमार
गांव की सुबह
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लावण्या शाह
गीत -
अशोक
कुमार वशिष्ठ
गुजरात का अकाल
-
डा
बजरंग वर्मा
गुज़रना उस हरे-भरे मोड़ से
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मनीषा कुलश्रेष्ठ
गुफ्तगू
यूं भी किया करते हैं हम
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प्रो. मोहम्मद ज़मां आज़ुर्दा
गुमशुदा
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स्वप्न मंजूषा शैल
गुल्लक
-पवन करण
गुलाबी अल्हड बचपन -
डॉ. सरस्वती माथुर
घर -गार्गी
घर
- संगीता गोयल
घर का
अनुशासन - विजयशंकर
चतुर्वेदी
घर तुम्हारी छांव में
- नन्द
भारद्वाज
घास, प्रेम और तत्वज्ञान
- लक्ष्मीनारायण गुप्त
घोटुल - संजीव बख्शी
घोर ये अन्धेरा है
- संदेश
त्यागी
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