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काव्य जीवन है कहते हैं जहां कुछ भी न पहुंच पाए वहां कवि अपनी कल्पना द्वारा पहुंच जाता है और अपने काव्य द्वारा जीवन से जुडे प्रत्येक पहलू पर प्रकाश डालता है विश्वजाल पर यह हिन्दी कवियों का मंच है आपके सहयोग से सुन्दर कविताओं द्वारा हम इस मंच को हिन्दी प्रेमियों में लोकप्रिय बनाएं, ऐसा हमारा प्रयास रहेगा

- मनीषा कुलश्रेष्ठ
manisha@hindinest.com

कविता सूची   | अ से अः | क से डः | च से ञ | ट से ण त से न | प से म | य से श | ष से ज्ञ |

कविताएं -    से ज्ञ

स्त्री का आदिम गीत -राकेश श्रीमाल
स्त्रियाँ कभी बूढी नहीं होती - अनुपमा तिवाड़ी
स्कूल का बस्ता - ले क़र्नल सारंग थत्ते
स्मृति कोष - मनीषा कुलश्रेष्ठ  
स्व से स्वयं तक - अंकुश मौनी
स्वप्न - शाशिष कुमार तिवारी
स्वतन्त्रता दिवस की झांकियाँ  - डॉ अरविंद रूनवाल 
स्वतन्त्र? स्वच्छंद ! - मधुप पांडेय 
स्वागत सरदी का- डॉ. सरस्वती माथुर
स्वाद- रति सक्सेना
स्वीकृति
- अंकुश मौनी
सच कहना ... - मनीषा कुलश्रेष्ठ 
सदी का सबसे भयावह सच - जया जादवानी
सन्नाटा - राजेन्द्र कृष्ण  
सन्नाटा - नलिनी पुरोहित
सपना - नलिनी पुरोहित
सपना बुनती औरत - अनुपमा तिवाड़ी

सपने - श्रीनिवास श्रीकान्त
सपनीली फर्न की फन्तासी में- मनीषा कुलश्रेष्ठ
सफर - शरद पटेल 'वाकिफ' 
सब कुछ बदला बदला सा है -
सत्यवान सत्
सब कुछ नहीं होता समाप्त - डॉ.मनीष मिश्रा
सबसे बड़ा स्त्र्पैय्या - प्रदीप चौबे
सबसे बुरा दिन
- -प्रियंकर पालीवाल
सभ्यता के अवशेष - क्रान्ति
सभ्यता पर दो शब्द -अरूण प्रसाद

समदर्शिता -श्यामल सुमन
सम पर आकर टूटती लय
- मनीषा कुलश्रेष्ठ
सम्भोगमनीषा कुलश्रेष्ठ
सम्बन्ध
- दिविक रमेश 
समझौता  - डा सी एस शाह
समय - शरद पटेल
संवाद -श्यामल सुमन
समय को तोड़ती है चीख
- अभिज्ञात 
समय सरिता - दीपक रस्तोगी  
सर्मपण  - लावण्या शाह  
समर्पण-डॉ.शशि पठानिया
समय -
सत्यवान सत्
समय- रति सक्सेना
समय के साथमनीषा कुलश्रेष्ठ
समय साक्षी है- क्रान्ति
समर शेष है
-अमित शर्मा
समयातीत मिलन - राजेन्द्र कृष्ण
समानता - विजय ठाकुर
समुद्र थे तुम
- मनीषा कुलश्रेष्ठ
सरकारी अफ़सर - मंजरी भान्ती

सरहद
- आरती होनराव 
संयम-जाल - रजनी मोरवाल
स्वतंत्रता-अमित शर्मा
सवाल का अंत
- दिविक रमेश 
सत्रह लघु कविताएं - डॉ अरविन्द रूनवाल  
सागर बन गई वह औरत - रति सक्सेना
सांठ - गांठ - राजेश जैन

सात प्रेम कविताएं
- प्रदीप मिश्र
सात लघु कविताएं
- डॉ प्रिया रूनवाल
सात रंग - राघवन आयंगर
सात सौ मील दूर से एक पाती छोटी बहन को - संजय कुमार गुप्त  
साथ तुम्हारा
- अनुराग शर्मा
सादा दिल औरत के जटिल सपने - मनीषा कुलश्रेष्ठ
साधना कक्ष
- मनीषा कुलश्रेष्ठ
साँप - डॉ प्रेम जनमेजय 
सारा सच मत दे हे काफ्का
- एस. के . महालक्ष्मी
सावन आया
- नीलम जैन
सावन बहका है - रजनी मोरवाल
साँस लेते पेड़ -सुधेश
साहब जी - सुनील अग्रवाल 
सितंबर के अंत में  - इन्दु मज़लदान
सिर्फ तुम  - विशाखा मुलमुले
सिर्फ सपनों में
- सिद्धेश्वर सिंह
सिम्फनी- प्रत्यक्षा
सिमोन की डांट- मनीषा कुलश्रेष्ठ
सियासत -दिनेश कुमार
सीमा रेखाएं
  - डा सी एस शाह 
सुनहरी फर्न
- मनीषा कुलश्रेष्ठ
सुनामी- समीर लाल
सुनो प्रिये - रंजीता ‘फलक’
सुबह
- नीरज माथुर
सेतू - अंकुश मौनी 
सूरज का गुलाब - गरिमा
सूरज का गुस्सा - डॉ सी एस शाह 
सूरज को जुस्तजू है -प्रो. मोहम्मद ज़मां आज़ुर्दा
सूरज को सरापती लड़की
- रति सक्सेना
सूरज निकले आधी रात - डॉ सुरेशचन्द्र शुक्ल
सूर्यकण
- सुनीतीचंद्र मिश्र 
सूर्यास्त - शैलेन्द्र चौहान 
सेंध - आशुतोष दुबे
सोता चारागाह
: सुभाष काक
सोचा कि -मुकेश सोनी

सोचते ही सोचते-सन्तो कुमार सिंह
सोचो ज़रा
-Urvashi sabu
सौगात-चंपा वैद
संगीत की शुरूआत
  - डा सी एस शाह
संयम - अंकुश मौनी
संवादहीनता - जया जादवानी
संत्रास - सुमन कुमार घेई
सांठ-गांठ - राजेश जैन 
हकीकत-श्यामल सुमन
हकीकत
- आरती होनराव 
हड़ताल - ममता पंडित
हम हैं संक्रमण काल की औरतें -वन्दना शर्मा
हम मिलें - सुधीर कुमार सोनी
हमारा समाज
- राजेन्द्र कृष्ण
हमारा संकल् -मथुरा कलौनी
हमारी उंगलियां - इन्दु मज़लदान 
हमें इन दुखों ने निखारा तो है
- जगदीश जोशी ' साधक'
हर बार
- मनीषा कुलश्रेष्ठ 
हरे पात और कांटे - डा सी एस शाह   
हरे भरे मन की थाह - मनीषा कुलश्रेष्ठ 
हाइकू- आस्था  
हाईकू - राज 
हाइकू
- सुदशन ' प्रियदर्शिनी'
हाइकू - डॉ. जगदीश व्योम
हाइकू - मनीषा कुलश्रेष्ठ
हाइकू सरदार तुक - तुक
हाइकू - रंजना सोनी
हाईकू : माँ - सरस्वती माथुर
हामिला  -गार्गी
हाथी बोला
- दिविक रमेश 
हार जीत - सत्यवान सत्य
हाय ज़ालिम हाय तूने क्या किया-प्रो. मोहम्मद ज़मां आज़ुर्दा
हिन्दुत्व का ऋण
- राजेन्द्र कृष्ण
हिन्दुस्तान हमारा है -राहुल अ गव्हाणे
हुक्म आका का
- रति सक्सेना
हूक - अभिज्ञात
हेमन्त की धूप - मनीषा कुलश्रेष्ठ
हे सत्तासीन स्त्रियों -वन्दना शर्मा
हो सके तो - गुरमीत बेदी
होता है........  -किरण राजपुरोहित नितिला होली -अरूण प्रसाद
होली का त्यौहार -
अमित कुमार सिंह

होली का रंग
- राजेन्द्र कृष्ण
होली की पहली - महेश चन्द्र      
होली की शुभकामनाएं
- सुरेशचन्द्र विमल'
होली त्योहार है - डा लक्ष्मीनारायण गुप्त 
हंसी कुटिलता - सुनीतीचंद्र मिश्र
हँसो गीतिके हँसो -अभिरंजन कुमार
हाँ लगता है चाँद - वसंत सकरगाए

क्षणिका
- आस्था 
क्षणिकाएं- अंशुमान चक्रपाणि
क्षणिकाएं-रमेश कुमार भद्रावाले
क्षितिज ये नहीं - आरती होनराव
क्षितिज के उस पार - शंकर सिंह
त्रिशंकु - मंजु महिमा भटनागर

Hindi Poetry Translated In English

AH ! HUENTSANG
By Nand Chaturvedi -Ashutosh Mohan
ALL IN OUR FAVOUR  By Nand Chaturvedi -Ashutosh Mohan
LUMINOUS  PEAKS By  Nand Chaturvedi -Ashutosh Mohan
THE BOOK By Nand Chaturvedi -Ashutosh Mohan

THE CALLOUS MOMENT OF CARNIVAL by Nand Chaturvedi -Ashutosh Mohan
THE FORT  By Nand Chaturvedi -Ashutosh Mohan

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