यादें

 

 

 

 

 

जब भी उस तस्वीर की तरफ
मेरी नजर जाती है
मॉ
मुझको तेरी बहुत याद आती है

वो तेरी ऊॅगली पकड कर के चलना
समुंदर की लहरों पर गिरना मचलना
वो तेरा मुझको अपनी बाहों मे भरना
माथे पे चुबंन का टीका वो जडना

जब भी हवा अपने संग
समुंदर की खुशबु लाती है
मॉ
मुझको तेरी बहुत याद आती है

वो मेरी चोट पर तेरा आंसू बहाना
मेरी बात सुन कर तेरा खिलखिलाना
मेरी शरारतों पर वो झिडकी लगाना
फिर प्यारी सी लोरी गा कर सुलाना

जब भी रातों मे हवा
कोइ गीत गुनगुनाती है
मॉ
मुझको तेरी बहुत याद आती है
 

समीर लाल

 


 

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