मुखपृष्ठ
|
कहानी |
कविता |
कार्टून
|
कार्यशाला |
कैशोर्य |
चित्र-लेख | दृष्टिकोण
|
नृत्य |
निबन्ध |
देस-परदेस |
परिवार
|
फीचर |
बच्चों की दुनिया |
भक्ति-काल धर्म |
रसोई |
लेखक |
व्यक्तित्व |
व्यंग्य |
विविधा |
संस्मरण |
साक्षात्कार |
सृजन |
डायरी
|
स्वास्थ्य
|
|
Home | Boloji | Kabir | Writers | Contribute | Search | Feedback | Contact | Share this Page! |
|
क्या
नाकामयाब ही होना था
जब कश्मीर को
ही मुख्य मुद्दा होना था तो असफल होना तय था‚ इस वार्ता का। इस बात की
असफलता तब ही और तय हो गई थी जब पहले ही दिन अपने मेजबान की इच्छा के
विरुद्ध पाकिस्तानी उच्चायुक्त के निवास पर मुर्शरफ ने हुर्रियत के नेताओं
से मिलकर लम्बी मीटींग की थी। स्पष्ट था कि वे कश्मीरियों को जताना चाहते
थे कि वे कश्मीर के लिये ही आए हैं और वार्ता का मुख्य मुद्दा वही है।
इसी संदर्भ में – |
|
(c) HindiNest.com
1999-2021 All Rights Reserved. |