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मेरी कहानी कई मोड़ों की है मेरी कहानी रास्तों में कड़ी धूप की है मेरी कहानी बात बहुत लंबी है पर रात है छोटी कहॉं तक सुनिएगा आप मेरी कहानी शबाब पर है आज की शाम लबों के मुंतिजर हैं हाथों के जाम आज अब रहने दें फिर कभी सुन लीजिएगा बाकी कहानी
-मथुरा कलौनी |
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