मुखपृष्ठ कहानी कविता | कार्टून कार्यशाला कैशोर्य चित्र-लेख |  दृष्टिकोण नृत्य निबन्ध देस-परदेस परिवार | फीचर | बच्चों की दुनिया भक्ति-काल धर्म रसोई लेखक व्यक्तित्व व्यंग्य विविधा |   संस्मरण | साक्षात्कार | सृजन डायरी | स्वास्थ्य | साहित्य कोष |

 

 Home | Boloji | Kabir | Writers | Contribute | Search | FeedbackContact | Share this Page!

 

 

जीवन में कुछ घटनाएं ऐसी घट जाती हैं जिनके साथ हम जुड से जाते हैं। उन्हें याद करना तथा ऐसे संस्मरण सुनना-सुनाना अपने आप में आंनद का स्त्रोत है।
आत्मकथाएं संस्मरणों का विस्तृत रूपाकार ही हैं। आत्मकथाओं के जरिये हमें इस संसार के महान, सफलतम लोगों के जीवन के सकारात्मक - नकारात्मक खासो - आम घटनाक्रम के भीतर झांकने का अवसर मिलता है।
आप भी अपने संस्मरण हमें भेजें।

संस्मरण व आत्मकथाओं के अंश

टूटे पंखों से परवाज तक - सुमित्रा महरौल

तारों छाई रात - ओम थानवी
बालज़ाक के जीवन का एक रोज - स्टीफन स्वाईग ( अनुवाद - ओमा शर्मा)
विषमराग से उत्तरराग के बीच - मनीषा कुलश्रेष्ठ

ओमा शर्मा द्वारा अनूदित पुस्तक  वो गुजरा जमाना
(स्टीफन स्वाईग की आत्मकथा  द वर्ल्ड ऑफ यस्टरडे) के चुनिन्दा अंश
1.  पेरिस के दिन: रिल्के, रोदां और एक चोर का वाकया
2.  राजे क़ामयाबी और एक खास कामयाबी
3.  खास मेहमानों की गिरफ्त और पचास की उम्र
4.  रिचर्ड स्ट्रास और खामोश औरत का किस्सा
5.  फ्रायड का साथ और वे स्याह दिन

मेरे अकेलेपन के निस्सीम दिन -जया जादवानी
गाँव:पुनर्यात्रा के झरोखे से - ओमा शर्मा
जन्म एक लक्ष्मी का - हरीश कुमार
राजेन्द्र यादव को कितना जानता हूँ - कृष्ण बिहारी
कस्तूरी कुण्डल बसे - मैत्रेयी पुष्पा की आत्मकथात्मक पुस्तक के कुछ अंश  123
इंदु शर्मा कथा सम्मान के दस वर्ष - तेजेन्दर शर्मा
मेरे आसपास रहती है इंदु... नैना शर्मा
प्रदेश में बिखरी होली की सतरंगी छटा - रंजना सोनी
हजार सालों का शहर - ट्राँधाइम ( नार्वे) - रंजना सोनी
सांप्रदायिक दंगा क्या होता है डैडी! - फजल इमाम मल्लिक
एक दीपावली पापा के बिना - अंशु
कारगिल विजय दिवस के उपलक्ष में - मनीषा कुलश्रेष्ठ
दिवाली दिवाली - संगीता गोयल
जंगल की रोमांचक यादें - कनुप्रिया कुलश्रेष्ठ
दोहरी खुशी के पल - दीपीका जोशी
पढ़ते हुए : मेरे कुछ नोट्स - -शैलेन्द्र सिंह्
पहली रात - अश्विन गांधी
बहुरूपिया - मनीषा कुलश्रेष्ठ
भूसे में आम - अभिज्ञात
शहीदों की याद में - रोहित कुमार ''हैपी''
साहित्य से हमारे संवेदन का विस्तार होता है - नंद भारद्वाज
हिन्दी समाज पर मर्सिया - फजल इमाम मल्लिक
होली के कुछ खट्टे मीठे पल - अनीता श्रीवास्तव

प्रशासनिक संस्कृति के स्मरणीय संस्मरण : धारावाहिक
साले साहब की शान मे गुस्ताखी क़रता है - महेश चन्द्र द्विवेदी
मुकदमा खराब करना हो तो - महेश चन्द्र द्विवेदी
कमिट सुइसाइड, रिजाईन, टेक लीव एण्ड गो होम- महेशचन्द्र द्विवेदी
बेटर रिजाइन फ्राम पुलिस - महेशचन्द्र द्विवेदी
चूज योर टाइम एण्ड प्लेस - महेशचन्द्र द्विवेदी

 

Hindinest is a website for creative minds, who prefer to express their views to Hindi speaking masses of India.

 

 

मुखपृष्ठ  |  कहानी कविता | कार्टून कार्यशाला कैशोर्य चित्र-लेख |  दृष्टिकोण नृत्य निबन्ध देस-परदेस परिवार | बच्चों की दुनियाभक्ति-काल डायरी | धर्म रसोई लेखक व्यक्तित्व व्यंग्य विविधा |  संस्मरण | साक्षात्कार | सृजन साहित्य कोष |
 

(c) HindiNest.com 1999-2021 All Rights Reserved.
Privacy Policy | Disclaimer
Contact : hindinest@gmail.com